क्रोध का कारण
👼👼💧💧👼💧💧👼👼
क्रोध का कारण
Image by Steve Bidmead from Pixabay
हम प्रायः लोगों को क्रोध से ग्रस्त हो कर आपस में लड़ते हुए, अपशब्द बोलते हुए देखते हैं। ऐसी बातों का कोई अंत होता दिखाई न दे तो बीच बचाव करने वाला पूछने लगता है कि भाई, यह तो बताओ कि तुम किस बात पर लड़ रहे हो ताकि झगड़े का निपटारा कराया जा सके। उन्हें अपनी कैसेट को रिवाइण्ड करने को कहा जाता है। जब वे उसके अंतिम छोर पर पहुँचते हैं तो उन्हें खुद ही पता नहीं चलता कि वे किस बात पर झगड़ रहे थे।
ऐसे ही एक दंपति परस्पर बात कर रहे थे कि क्यों न हम एक भैंस खरीद लें? बच्चों को दूध, दही आदि पर्याप्त मात्रा में मिल जाएगा और दूध शुद्ध होगा तो उस पर मलाई भी मोटी आएगी। उससे हम घी भी बना सकेंगे। पत्नी ने कहा कि सारी मलाई का घी नहीं बनाएंगे। कुछ खाने के लिए भी रख लेंगे। पति ने कहा कि चलो, मैं उसमें से थोड़ी सी मलाई रख लूंगा अपने लिए। पत्नी ने कहा कि मैं भी तो मलाई खाऊँगी।
पति ने कहा कि नहीं, ऐसे तो मलाई कम पड़ जाएगी। फिर हम घी कैसे बनाएंगे? पत्नी ने कहा कि नहीं, मलाई मैं खाऊँगी। बस, फिर क्या था। पहले आवाज़ तेज हुई, फिर अपशब्द शुरू हुए। ”तू क्या मलाई खाएगी, कभी अपने मायके में देखी भी है?“ पति ने तमाचा दिखाया, पत्नी ने डंडा उठाया। पति का पत्नी पर तो ज़ोर चला नहीं, बर्तनों को ही तोड़ना शुरू कर दिया। तोड़-फोड़ की आवाज़ पड़ोसियों के कानों तक पहुँची तो वे वहां आकर सुनने की कोशिश करने लगे कि आख़िर क्या बात है जिस पर वे इस तरह लड़ रहे हैं। उनके कानों में भैंस का नाम पड़ा। एक पड़ोसी भी अपना डंडा उठा लाया और उनका फर्नीचर तोड़ने लगा।
दंपति हतप्रभ हो गए कि इसे क्या हो गया। उन्होंने अपनी लड़ाई बंद की और उससे पूछने लगे कि तुम हमारा सामान क्यों तोड़ रहे हो? पड़ोसी ने कहा कि तुम्हारी भैंस मेरे धान के खेत में घुस कर सारी फसल खा गई है। मुझे उस नुकसान की भरपाई चाहिए। दंपति ने कहा कि कौन सी भैंस? पड़ोसी ने कहा कि वही भैंस जो तुमने खरीदी है और जिसके दूध की मलाई खाने के लिए तुम लड़ रहे हो।
वे दोनों एकदम चौंक गए और एक दूसरे को देखने लगे। तुरंत उन्हें माजरा समझ में आया और वे अपनी नासमझी पर खुद ही हंसने लगे। इसी प्रकार यदि हम भी समझदारी से काम लें तो बिना कारण क्रोध उत्पन्न करने वाले झगड़ों को टाल सकते हैं।
--
सरिता जैन
सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका
हिसार
🙏🙏🙏
विनम्र निवेदन
यदि आपको यह लेख प्रेरणादायक और प्रसन्नता देने वाला लगा हो तो कृपया comment के द्वारा अपने विचारों से अवगत करवाएं और दूसरे लोग भी प्रेरणा ले सकें इसलिए अधिक-से-अधिक share करें।
धन्यवाद।
Comments
Post a Comment