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Showing posts from October, 2020

मधुर सम्बन्धः आनन्द का आधार

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👼👼👼👼👼👼👼👼👼👼 दुःख को सुख में बदलने की कला मधुर सम्बन्धः आनन्द का आधार Image by Susanne Jutzeler, suju-foto from Pixabay मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। जब तक समाज के साथ प्रेम और आत्मीयता के सम्बन्ध नहीं होंगे, तब तक हम अपने जीवन को आनन्दपूर्वक व्यतीत नहीं कर सकते। समाज बनता है परिवार से और परिवार बनता है एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सदस्यों से। इसलिए मधुर सम्बन्धों का आरम्भ अपने परिवार से करो। इकट्ठा तो पशुओं का झुंड भी रहता है, पर उनमें परस्पर संवेदनशीलता का अभाव होता है। वे केवल भषण करना जानते हैं। भषण का अर्थ है - भौंकना। उनकी संवेदना केवल स्वयं तक ही रहती है कि मुझे भक्षण अर्थात् खाने के लिए मिलता रहना चाहिए, चाहे दूसरे से छीन कर खाना पड़े। मनुष्य का समाज के सभी लोगों से वास्ता पड़ता है। यदि दूसरे के लिए कुछ त्याग भी करना पड़े तो उसमें भी आनन्द का अनुभव करता है। हर समय स्वार्थ की भावना उसके मन में द्वन्द्व पैदा करती है और Relations में मिठास के स्थान पर खटास आने लगती है। आप स्वयं निरीक्षण करें कि आपके आपसी सम्बन्धों में कितनी तिक्तता है और कितनी मधुरता ? Relation...

Quarrel नहीं, Quality बढ़ाओ

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👼👼👼👼👼👼👼👼👼👼 दुःख को सुख में बदलने की कला Quarrel नहीं, Quality बढ़ाओ Image by Evgeni Tcherkasski from Pixabay दो बच्चे रोज़ Alphabet के प्रवचन सुनते थे। उन्हें मालूम था कि आज Q के बारे में बताएंगे। एक ने कहा कि आज के प्रवचन का मुख्य बिन्दु होगा - Quality , दूसरे बच्चे ने कहा कि नहीं, शायद आज Qualification ही प्रवचन का मुख्य बिन्दु होगा। बस! दोनों में इस छोटी-सी बात पर झगड़ा शुरू हो गया।  अतः आज का मुख्य बिन्दु है - Quarrel दुनिया में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जिसका कभी किसी के साथ झगड़ा न हुआ हो। माता-पिता में, भाई-बहिन में, सास-बहू में, आस-पड़ोस में या व्यापारी-ग्राहक में अक्सर झगड़ा होता रहता है। मानव की प्रकृति ही ऐसी बन गई है। पहले झगड़ा, फिर रगड़ा। आखिर क्यों ? जब हम किसी के द्वारा किए हुए काम को या किसी की कही हुई बात को Ignore कर देते हैं तो मन में झगड़े का बीज ही नहीं पनपता और पकड़ कर बैठ जाते हैं तो मन में द्वन्द्व आरम्भ हो जाता है। मान लो किसी ने आपको ‘गधा’ कह दिया। यों तो गधे को मूर्ख का प्रतिनिधि माना गया है, पर ग का अर्थ है - ग़लत और धा का अर्थ है - धारण...