सब कुछ प्रभु पर छोड़ना
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 सब कुछ प्रभु पर छोड़ना Image by Capri23auto from Pixabay एक महात्मा थे। जीवन भर उन्होंने भजन ही किया था। उनकी कुटिया के सामने एक तालाब था। जब उनका शरीर छूटने का समय आया तो देखा कि एक बगुला मछली मार रहा है। उन्होंने बगुले को उड़ा दिया। इधर उनका शरीर छूटा तो नरक पहुँच गये। उनके चेले को स्वप्न में दिखायी पड़ा कि वे कह रहे थे - “बेटा! हमने जीवन भर कोई पाप नहीं किया, केवल बगुला उड़ा देने मात्र से नरक जाना पड़ा। तुम सावधान रहना।” जब शिष्य का भी शरीर छूटने का समय आया तो वही दृश्य पुनः आया। बगुला मछली पकड़ रहा था। गुरु का निर्देश मानकर उसने बगुले को नहीं उड़ाया। मरने पर वह भी नरक जाने लगा तो गुरुभाई को आकाशवाणी मिली कि गुरुजी ने बगुला उड़ाया था इसलिए नरक गये। हमने नहीं उड़ाया इसलिए हम नरक में जा रहे हैं। तुम बचना। गुरुभाई का शरीर छूटने का समय आया तो संयोग से पुनः बगुला मछली मारता दिखाई पड़ा। गुरुभाई ने भगवान् को प्रणाम किया कि भगवन्! आप ही मछली में हो और आप ही बगुले में भी। हमें नहीं मालूम कि क्या झूठ है ? क्या सच है ? कौन पाप है, कौन पुण्य ? आप अपनी व्यवस्था देखें। मुझे तो आपके...