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Showing posts from March, 2023

सेवाभाव और संस्कार

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👼👼💧💧👼💧💧👼👼 सेवाभाव और संस्कार Image by Nimrod Oren from Pixabay एक संत ने एक विश्वविद्यालय का आरंभ किया। इस विद्यालय का प्रमुख उद्देश्य था - ऐसे संस्कारी युवक-युवतियों के चरित्र का निर्माण करना, जो समाज के विकास में सहभागी बन सकें। एक दिन उन्होंने अपने विद्यालय में एक वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसका विषय था - “जीवों पर दया एवं प्राणी मात्र की सेवा।” निर्धारित तिथि को तयशुदा वक्त पर विद्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रतियोगिता आरंभ हुई। किसी छात्र ने सेवा के लिए संसाधनों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि हम दूसरों की तभी सेवा कर सकते हैं, जब हमारे पास उसके लिए पर्याप्त संसाधन हों। वहीं कुछ छात्रों की यह भी राय थी कि सेवा के लिए संसाधन नहीं, भावना का होना ज़रूरी है। किसी ने कहा कि तन में शक्ति, मन में लगन और जेब में धन हो, तभी हम “जीवों पर दया एवं प्राणीमात्र की सेवा” कर सकते हैं, इनमें से एक का भी अभाव होने से यह कार्य सम्भव नहीं है। इस तरह तमाम प्रतिभागियों ने प्राणी सेवा के विषय में शानदार भाषण दिए। आखिर में जब पुरस्कार देने का समय आया तो संत ने एक ऐसे विद्यार्थी को च...

एक झूठ, सौ सच

👼👼💧💧👼💧💧👼👼 एक झूठ, सौ सच Image by DerWeg from Pixabay एक झूठ भी सौ सच पर भारी हो सकता है....। आठ वर्षीय गोलू पूर्ण उत्साह के साथ कड़कड़ाती ठंड में रात को दस बजे अपनी माँ के साथ इसलिये कतारबद्ध खड़ा था कि सेठ जी कम्बल बाँटते हुए जैसे ही माँ के हाथ में देंगे, वह तुरंत ही उसे माँ के हाथों से ले लेगा और जिंदगी में पहली बार नया कम्बल ओढ़ेगा। इसी सुखद कल्पना में डूब कर वह निहाल हुआ जा रहा था, लेकिन यह क्या ? सेठ जी उसकी माँ को छोड़कर आगे बढ़ गए। गोलू की सहनशीलता जवाब दे गयी। वह माँ से हाथ छुड़ा कर दौड़ पड़ा सेठ जी की ओर और उनके सामने पहुंच याचना भरे स्वर मे विनती की, “सेठ जी! आप मेरी माँ को कम्बल देना भूल गए। उनके बदले मुझे दे दो न!” लेकिन सेठ जी गोलू की बातों को अनसुना कर कार में बैठ गए। गोलू की आँखों मे आँसू आ गये। ऊपर से उसकी माँ ने दो चांटे और लगाते हुए फटकारा कि नहीं चाहिये मुझे कम्बल! केवल तेरी जिद के कारण यहाँ इस कड़कड़ाती ठंड में लाइन में लगना पड़ा। देख लिया अपनी जिद का नतीजा! इसके साथ ही कमली की आँखों में भी आँसू आ गए, शायद तिरस्कार के कारण। इधर रास्ते में सेठ जी के ड्राईवर ने पूछा ...