एक झूठ, सौ सच

👼👼💧💧👼💧💧👼👼

एक झूठ, सौ सच

Image by DerWeg from Pixabay

एक झूठ भी सौ सच पर भारी हो सकता है....।

आठ वर्षीय गोलू पूर्ण उत्साह के साथ कड़कड़ाती ठंड में रात को दस बजे अपनी माँ के साथ इसलिये कतारबद्ध खड़ा था कि सेठ जी कम्बल बाँटते हुए जैसे ही माँ के हाथ में देंगे, वह तुरंत ही उसे माँ के हाथों से ले लेगा और जिंदगी में पहली बार नया कम्बल ओढ़ेगा। इसी सुखद कल्पना में डूब कर वह निहाल हुआ जा रहा था, लेकिन यह क्या? सेठ जी उसकी माँ को छोड़कर आगे बढ़ गए।

गोलू की सहनशीलता जवाब दे गयी। वह माँ से हाथ छुड़ा कर दौड़ पड़ा सेठ जी की ओर और उनके सामने पहुंच याचना भरे स्वर मे विनती की, “सेठ जी! आप मेरी माँ को कम्बल देना भूल गए। उनके बदले मुझे दे दो न!”

लेकिन सेठ जी गोलू की बातों को अनसुना कर कार में बैठ गए। गोलू की आँखों मे आँसू आ गये। ऊपर से उसकी माँ ने दो चांटे और लगाते हुए फटकारा कि नहीं चाहिये मुझे कम्बल! केवल तेरी जिद के कारण यहाँ इस कड़कड़ाती ठंड में लाइन में लगना पड़ा। देख लिया अपनी जिद का नतीजा!

इसके साथ ही कमली की आँखों में भी आँसू आ गए, शायद तिरस्कार के कारण।

इधर रास्ते में सेठ जी के ड्राईवर ने पूछा - “क्षमा करें, सर! इतना जानना चाहता हूँ कि आपने सबको कम्बल दिये, केवल एक को छोड़ दिया। वह बच्चा कितना दुःखी था बेचारा?

सेठ जी ने कहा कि तू जानता है? जिससे हमारी बोलचाल बंद है, ये कमली उसके यहाँ बर्तन मांजती है।

कोई घंटे भर बाद किसी ने कमली का दरवाज़ा खटखटाया। सामने सेठ जी का ड्राईवर हाथों में कम्बल लिए खड़ा था। वह बोला - “लो! ये कम्बल बच्चे के लिए।”

कमली कुछ विचार करती, उससे पहले ही गोलू ने ख़ुशी से चहकते हुए कम्बल अपने हाथों मे ले लिया। बेटे की ख़ुशी से बढकर कमली के लिए और कुछ भी न था, न मान, न स्वाभिमान। वह रूंधे गले से केवल इतना ही कह पाई - “ड्राइवर साहब! सेठ जी को मेरा प्रणाम कहना। यह कम्बल मैं ठंड से बचने के लिए नहीं, मात्र बेटे की ख़ुशी के लिए ले रही हूँ।”

ड्राइवर ने कहा - “ठीक है” और अपनी साईकिल पर बैठ कर चला गया।

घर पहुँचते ही ड्राइवर की पत्नी ने सवाल किया, “ये क्या? खाली हाथ! आज तो सेठ जी आपको कम्बल देने वाले थे न?”

ड्राइवर ने कहा कि सेठ जी के पास सारे कम्बल खत्म हो गये थे।

एक बच्चे की ख़ुशी की ख़ातिर उसे यह झूठ आज सत्य से भी कहीं बड़ा नज़र आ रहा था।

--

सरिता जैन

सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका

हिसार

🙏🙏🙏


विनम्र निवेदन

यदि आपको यह लेख प्रेरणादायक और प्रसन्नता देने वाला लगा हो तो कृपया comment के द्वारा अपने विचारों से अवगत करवाएं और दूसरे लोग भी प्रेरणा ले सकें इसलिए अधिक-से-अधिक share करें।

धन्यवाद।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

अगली यात्रा - प्रेरक प्रसंग

Y for Yourself

आज की मंथरा

आज का जीवन -मंत्र

बुजुर्गों की सेवा की जीते जी

स्त्री के अपमान का दंड

आपस की फूट, जगत की लूट

वाणी हमारे व्यक्तित्व का दर्पण है

मीठी वाणी - सुखी जीवन का आधार

वाणी बने न बाण