अभिमान
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 अभिमान Image by Ilo from Pixabay श्री कृष्ण भगवान द्वारका में रानी सत्यभामा के साथ सिंहासन पर विराजमान थे। उनके पास ही गरुड़ और सुदर्शन चक्र भी बैठे थे। बातों ही बातों में रानी सत्यभामा ने श्री कृष्ण से पूछा, ‘हे प्रभु! आपने त्रेता युग में राम के रूप में अवतार लिया था, सीता आपकी पत्नी थी। क्या वे मुझसे ज्यादा सुंदर थी?’ कृष्ण समझ गए कि सत्यभामा को अपने रूप का अभिमान हो गया है। तभी गरुड़ ने कहा कि भगवान! क्या दुनिया में मुझसे भी ज्यादा तेज गति से कोई उड़ सकता है? सुदर्शन चक्र से भी रहा नहीं गया और वह भी कह उठे कि भगवान! मैंने बड़े-बड़े युद्धों में आपको विजय श्री दिलवाई है। क्या संसार में मुझसे भी शक्तिशाली कोई है? भगवान मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। वे जान रहे थे कि उनके इन तीनों भक्तों को अहंकार हो गया है और इनका अहंकार नष्ट होने का समय आ गया है। ऐसा सोचकर उन्होंने गरुड़ से कहा - हे गरुड़! तुम हनुमान के पास जाओ और उनसे कहना कि भगवान राम, माता सीता के साथ उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। गरुड़ भगवान की आज्ञा लेकर हनुमान को लाने चले गए। इधर श्री कृष्ण ने सत्यभामा से कहा कि देवी आप सीत...