अहमियत
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अहमियत हर इंसान की अपनी अहमियत होती है। (एक नैतिक कहानी ) एक बार की बात है। एक बड़ा बिजनेसमैन अपने ड्राइवर के साथ किसी दूरस्थ गांव की ओर जा रहा था। रास्ते में एक चौड़ी नदी पड़ गई। ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी और बोला, “साहब, इस नदी के उस पार जो गांव है, वहां तक सड़क से जाना हो तो छह से आठ घंटे लग सकते हैं, लेकिन आपके पास तो इतना समय नहीं है।” बिजनेसमैन उस गांव में एक फैक्ट्री लगाने का विचार कर रहा था, इसलिए वह ज़मीन देखने आया था। समय की कमी थी, इसलिए वह चिंतित हो गया। तभी ड्राइवर ने सुझाव दिया, “साहब, चाहें तो नाव से जा सकते हैं, बस 15-20 मिनट लगेंगे।” यह विचार सुनकर बिजनेसमैन खुश हो गया। वो दोनों नदी किनारे पहुंचे। वहां एक नाव वाला खड़ा था। बिजनेसमैन ने कहा, “भाई, उस पार छोड़ दोगे?” नाव वाले ने मुस्कराकर कहा, “जरूर साहब, बैठिए।” बिजनेसमैन नाव में बैठ गया। नदी की यात्रा शुरू हुई। रास्ता छोटा था, तो बिजनेसमैन ने बातचीत शुरू की। उसने नाव वाले से पूछा, “क्या तुम्हें पता है उस पार एक बड़ी फैक्ट्री खुलने वाली है?” नाव वाला भोलेपन से बोला, “साहब, फैक्ट्री क्या होती है, ये मुझे नहीं पता।” बिजने...