असाधारण प्रतिभा
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 असाधारण प्रतिभा Photo by Jeff Wang from Pexels यह स्वामी विवेकानंद के बचपन की घटना है। उस वक्त वह नरेंद्र के नाम से जाने जाते थे। बचपन से ही उनमें असाधारण प्रतिभा दिखाई देती थी। उनके शब्द उनके व्यक्तित्व के समान ही प्रभावशाली थे। जब वह बात करते तो हर कोई ध्यानमग्न हो अपने काम को भूल कर उन्हें सुनता था। एक दिन स्कूल में नरेंद्र एक क्लास के ब्रेक के दौरान अपने दोस्तों से बात कर रहे थे। इस बीच शिक्षक क्लास में आ पहुंचे और उन्होंने अपना विषय पढ़ाना शुरू कर दिया। लेकिन छात्र, नरेंद्र की बातचीत सुनने में ही लीन रहे। उन्हें कक्षा में शिक्षक के आने और उनके द्वारा पढ़ाए जाने का पता ही नहीं चला। कुछ समय तक शिक्षक महोदय तल्लीनता से पढ़ाते रहे। लेकिन उन्हें आभास हुआ कि कक्षा में विद्यार्थियों के बीच कुछ कानाफूसी चल रही है। शिक्षक ने नाराजगी दिखाते हुए पूछा, ‘क्या चल रहा है’ ? कोई जवाब न मिलने पर हरेक छात्र से पूछा। ‘बताओ अब तक मैंने क्या पढ़ाया था’ ? कोई भी विद्यार्थी उत्तर न दे सका। लेकिन नरेंद्र को सब कुछ पता था। वह अपने दोस्तों से बात करते हुए भी शिक्षक के व्याख्यान को सुन...