जीवन की सीख
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 जीवन की सीख Image by Ilona Ilyés from Pixabay एक बौद्ध भिक्षुक भोजन बनाने के लिए जंगल से लकड़ियाँ चुन रहा था कि तभी उसने बिना पैरों की लोमड़ी को देखते हुए मन ही मन सोचा - “आखिर इस हालत में ये जिंदा कैसे है ? और ऊपर से ये बिल्कुल स्वस्थ कैसे है ? ” वह अपने ख़्यालों में खोया हुआ था कि अचानक चारों तरफ अफरा-तफरी मचने लगी; जंगल का राजा शेर उस तरफ आ रहा था। भिक्षुक भी तेजी दिखाते हुए एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया और वहीं से सब कुछ देखने लगा। शेर ने एक हिरण का शिकार किया था और उसे अपने जबड़े में दबा कर लोमड़ी की तरफ बढ़ रहा था। पर उसने लोमड़ी पर हमला नहीं किया बल्कि उसे भी खाने के लिए मांस के कुछ टुकड़े डाल दिए। “ये तो घोर आश्चर्य है, शेर लोमड़ी को मारने की बजाय उसे भोजन दे रहा है।” भिक्षुक बुदबुदाया, उसे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। इसलिए वह अगले दिन फिर वहीं आया और छिपकर शेर का इंतज़ार करने लगा। आज भी वैसा ही हुआ, शेर ने अपने शिकार का कुछ हिस्सा लोमड़ी के सामने डाल दिया। “यह भगवान् के होने का प्रमाण है !” भिक्षुक ने अपने आप से कहा। “वह जिसे पैदा करता है उसकी रोटी का ...