प्रेम के बोल
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 प्रेम के बोल Image by Rudy and Peter Skitterians from Pixabay एक गाँव में एक मज़दूर रहा करता था जिसका नाम हरिराम था। उसके परिवार में कोई नहीं था। दिन भर अकेला मेहनत में लगा रहता था। दिल का बहुत ही दयालु और कर्मों का भी बहुत अच्छा था। मज़दूर था इसलिए उसे भोजन भी मज़दूरी के बाद ही मिलता था। आगे-पीछे कोई नहीं था इसलिए वह इस आजीविका से संतुष्ट था। एक बार उसे एक छोटा-सा बछड़ा मिल गया। उसने ख़ुशी से उसे पाल लिया। उसने सोचा कि आज तक वह अकेला था, अब वह इस बछड़े को अपने बेटे के समान पालेगा। हरिराम का दिन उसके बछड़े से ही शुरू होता और उसी पर ख़त्म होता। वह रात-दिन उसकी सेवा करता और उसी से अपने मन की बात करता। कुछ समय बाद बछड़ा बैल बन गया। उसकी जो सेवा हरिराम ने की थी, उससे वह बहुत ही सुंदर और बलशाली बन गया था। गाँव के सभी लोग हरिराम के बैल की ही बातें किया करते थे। किसानों के गांव में बैलों की भरमार थी पर हरिराम का बैल उन सबसे अलग था। दूर-दूर से लोग उसे देखने आते थे। हर कोई हरिराम के बैल के बारे में बातें करता रहता था। हरिराम भी अपने बैल से एक बेटे की तरह ही प्यार करता था। भले खुद...