भगवान् का एक्सचेंज ऑफर
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 भगवान् का एक्सचेंज ऑफर Image by Ralph from Pixabay एक बार एक दुःखी भक्त अपने ईश्वर से शिकायत कर रहा था - “आप मेरा ख्याल नहीं रखते। मैं आपका इतना बड़ा भक्त हूँ। आपकी सेवा करता हूँ। रात-दिन आपका स्मरण करता हूँ। फिर भी मेरी जिंदगी में ही सबसे ज्यादा दुःख क्यों ? परेशानियों का अम्बार लगा हुआ है। एक ख़त्म होती नहीं कि दूसरी मुसीबत तैयार रहती है। दूसरों की तो आप सुनते हो। उन्हें तो हर ख़ुशी देते हो। देखो! आपने सभी को सारे सुख दिए हैं, मगर मेरे हिस्से में केवल दुःख ही दिए।” फिर भगवान् की आवाज उसे अपने अंतर्मन में सुनाई दी - “ऐसा नहीं है बेटा! सबके अपने-अपने दुःख-परेशानियाँ हैं। अपने कर्मों के अनुसार हर एक को उसका फल प्राप्त होता है। यह मात्र तुम्हारी ग़लतफहमी है।” लेकिन नहीं .... भक्त है कि सुनने को राज़ी ही नहीं। आख़िर अपने इस नादान भक्त को समझा-समझा कर थक चुके भगवान् ने एक उपाय निकाला। वे बोले - “चलो ठीक है। मैं तुम्हें एक अवसर और देता हूँ अपनी किस्मत बदलने का। यह देखो! यहाँ पर एक बड़ा-सा पुराना पेड़ है। इस पर सभी ने अपने-अपने दुःख-दर्द और तमाम परेशानियाँ, तकलीफें, दर...