असली यज्ञ
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 असली यज्ञ Image by NoName_13 from Pixabay महाभारत का एक प्रसंग है, अश्वमेध यज्ञ चल रहा था, बड़े-बड़े ऋषियों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी जा रही थी। कहते हैं कि उस यज्ञ में बड़े-बड़े देवता आये, यहाँ तक कि देवराज इन्द्र तक भी उपस्थित हुये। स्वयं भगवान् श्री कृष्ण तक वहाँ साक्षात् उपस्थित थे। दान देने का उपक्रम चल रहा था। अश्वमेध यज्ञ की पूर्णाहुति की पावन वेला थी। इतने में ही सबने देखा कि एक गिलहरी उस यज्ञ-मण्डप पर पहुँची और अपने शरीर को उलट-पुलट करने लगी। यज्ञ-मण्डप में मौजूद सभी लोग बड़े ताज्जुब से उस गिलहरी को देख रहे थे और भी ज्यादा आश्चर्य तो इस बात का था की उस गिलहरी का आधा शरीर सोने का था और आधा शरीर सामान्य ही था, जैसा कि आम गिलहरियों का होता है। महाराज युधिष्ठिर के लिये यह बात आश्चर्यचकित करने वाली थी। ऐसी गिलहरी पहले कभी नहीं देखी गई। एक बार तो दान-दक्षिणा, मन्त्रोच्चार और देवों के आह्वान का उपक्रम तक ठहर गया। महाराज युधिष्ठिर ने यज्ञ को बीच में ही रोक कर गिलहरी को सम्बोधित करते हुये पूछा - ओ गिलहरी! मेरे मन में दो शंकाये हैं। पहली शंका तो यह है, कि तुम्हारा...