दूध का गिलास

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दूध का गिलास

Image by InspiredImages from Pixabay

एक बार एक लड़का अपने स्कूल की फीस भरने के लिए घर-घर जा कर सामान बेचा करता था।

एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे भूख भी लग रही थी। उसने तय किया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर जायेगा, उससे खाना मांग लेगा।

वह एक घर पर पहुंचा। एक लड़की ने दरवाजा खोला, जिसे देखकर वह घबरा गया, और उसने पानी मांग लिया।

लड़की ने भांप लिया था कि वह भूखा है, इसलिए वह एक बड़ा गिलास दूध का ले आई। लड़के ने धीरे-धीरे दूध पी लिया।

कितने पैसे दूँ? लड़के ने पूछा।

पैसे किस बात के? लड़की ने जवाब में कहा।

“मेरी माँ ने मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहियें।”

“तो फिर मैं आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ”, लड़के ने कहा।

जैसे ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा, उसे न केवल शारीरिक तौर पर शक्ति मिल चुकी थी, बल्कि उसका भगवान् और आदमी पर भरोसा और भी बढ़ गया था। उसने अपनी पढ़ाई पूरी की और एक दिन विदेश में एक बड़ा डॉक्टर बन गया।

सालों बाद वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी। लोकल डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया।

विशेषज्ञ डॉक्टर हॉवर्ड केल्ली को मरीज देखने के लिए बुलाया गया।

जैसे ही उसने लड़की के कस्बे का नाम सुना, उसकी आँखों में चमक आ गयी।

वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में गया। उसने उस लड़की को देखा तो एकदम पहचान लिया और तय कर लिया कि वह उसकी जान बचाने के लिए जमीन-आसमान एक कर देगा।

उसकी मेहनत और लगन रंग लायी और उस लड़की की जान बच गयी।

डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जा कर उस लड़की के इलाज का बिल बनाया। उस बिल के कोने में एक नोट लिखा और उसे उस लड़की के पास भिजवा दिया।

लड़की बिल का लिफाफा देखकर घबरा गयी।

उसे मालूम था कि वह बीमारी से तो वह बच गयी है, लेकिन बिल की रकम जरूर उसकी जान ले लेगी।

फिर भी उसने धीरे से बिल खोला। रकम को देखा और फिर अचानक उसकी नज़र बिल के कोने में पैन से लिखे नोट पर गयी। जहाँ लिखा था, एक गिलास दूध द्वारा इस बिल का भुगतान किया जा चुका है।

नीचे उस नेक डॉक्टर हॉवर्ड केल्ली के हस्ताक्षर थे।

ख़ुशी और अचम्भे से उस लड़की के गालों पर आंसू टपक पड़े, उसने ऊपर की ओर दोनों हाथ उठा कर कहा - “हे भगवान! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। आपका प्यार इंसानों के दिलों और हाथों के द्वारा न जाने कहाँ-कहाँ फैल चुका है।”

अगर आप दूसरों के साथ अच्छा करोगे तो आपके साथ भी अच्छा ही होगा।

अब आपको दो में से एक चुनाव करना है।

या तो आप इस कथानक को शेयर करके इस सन्देश को हर जगह पहुंचाएँ या अपने आप को समझा लें कि इस कहानी ने आपका दिल नहीं छूआ।

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 सरिता जैन

सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका

हिसार

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विनम्र निवेदन

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धन्यवाद।

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