सकारात्मक दृष्टिकोण
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 सकारात्मक दृष्टिकोण Image by 652234 from Pixabay एक घर के पास काफी दिन से एक बड़ी इमारत का काम चल रहा था। वहाँ रोज मज़दूरों के छोटे-छोटे बच्चे एक-दूसरे की शर्ट पकड़कर रेल-रेल का खेल खेलते थे। रोज कोई बच्चा इंजिन बनता और बाकी बच्चे डिब्बे बनते थे। इंजिन और डिब्बे वाले बच्चे रोज बदल जाते, पर….. केवल चड्डी पहना एक छोटा बच्चा हाथ में रखा कपड़ा घुमाते हुए रोज गार्ड बनता था। उन बच्चों को खेलते हुए रोज़ देखने वाले एक व्यक्ति ने कौतुहल से गार्ड बनने वाले बच्चे को पास बुलाकर पूछा - “बच्चे! तुम रोज़ गार्ड बनते हो। तुम्हें कभी इंजिन या डिब्बा बनने की इच्छा नहीं होती?” इस पर वह बच्चा बोला - “बाबूजी! मेरे पास पहनने के लिए कोई शर्ट नहीं है, तो मेरे पीछे वाले बच्चे मुझे कैसे पकड़ेंगे, और मेरे पीछे कौन खड़ा रहेगा? इसलिए मैं रोज गार्ड बनकर ही खेल में हिस्सा लेता हूँ।” ये बोलते समय मुझे उसकी आँखों में पानी दिखाई दिया। आज वह बच्चा मुझे जीवन का एक बहुत बड़ा पाठ पढ़ा गया। अपना जीवन कभी भी परिपूर्ण नहीं होता। उसमें कोई न कोई कमी जरूर रहेगी। वह बच्चा माँ-बाप से गुस्सा होकर रोते हुए बैठ सकता था, प...