सुबह का सूरज

👼👼💧💧👼💧💧👼👼

सुबह का सूरज

Image by Eva Boehm from Pixabay

और सुबह का सूरज निकल गया।

एक सुबह। अभी सूरज भी निकला नहीं था और एक मांझी नदी के किनारे पहुंच गया था। अचानक उसका पैर किसी चीज से टकरा गया। झुक कर उसने देखा कि ज़मीन पर पत्थरों से भरा हुआ एक झोला पड़ा था।

उसने अपना जाल किनारे पर रख दिया। वह सुबह सूरज के उगने की प्रतीक्षा करने लगा। सूरज उग आए तो वह अपना जाल फेंके और मछलियां पकड़े।

वह, जो झोला उसे पड़ा हुआ मिल गया था, जिसमें पत्थर थे, समय बिताने के लिए उसमें से एक-एक पत्थर निकाल कर शांत नदी में फेंकने लगा। सुबह के सन्नाटे में उन पत्थरों के गिरने की छपाक् की आवाज़ सुनता, फिर दूसरा पत्थर फेंकता।

धीरे-धीरे सुबह का सूरज निकला। रोशनी हुई। तब तक उसने झोले के सारे पत्थर फेंक दिए थे। सिर्फ एक पत्थर उसके हाथ में रह गया था। सूरज की रोशनी में देखने से ही ऐसा लगा, मानो उसके हृदय की धड़कन बंद हो गई, सांस रुक गई। उसने जिन्हें पत्थर समझ कर फेंक दिया था, वे हीरे-जवाहरात थे, लेकिन अब तो अंतिम टुकड़ा हाथ में बचा था और वह पूरे झोले के हीरे-जवाहरात फेंक चुका था।

वह रोने लगा, चिल्लाने लगा। इतनी संपदा उसे मिल गई थी कि अनंत जन्मों के लिए काफी थी, लेकिन अंधेरे में वह उससे अनजान व अपरिचित बना रहा। उसने उस सारी संपदा को पत्थर समझ कर फेंक दिया था।

लेकिन फिर भी वह मछुआरा सौभाग्यशाली था क्योंकि अंतिम पत्थर फेंकने से पहले सूरज निकल आया था और उसे दिखाई पड़ गया था कि उसके हाथ में हीरा है। साधारणतः सभी लोग इतने सौभाग्यशाली नहीं होते हैं। जिंदगी बीत जाती है, सूरज नहीं निकलता, सुबह नहीं होती, रोशनी नहीं आती और सारे जीवन की सांसों के हीरे हम पत्थर समझ कर फेंक चुके होते हैं।

जीवन एक बहुत बड़ी संपदा है, लेकिन आदमी सिवाय उसे फेंकने और गंवाने के कुछ भी नहीं करता है। जीवन क्या है, यह भी पता नहीं चल पाता और हम उसे पानी में फेंक देते हैं। जीवन में क्या छिपा था - कौन से राज, कौन सा रहस्य, कौन सा स्वर्ग, कौन सा आनंद, कौन सी मुक्ति, उस सबका कोई भी अनुभव नहीं हो पाता और जीवन हमारे हाथ से रिक्त हो जाता है।

अभी समय है। सूरज निकल आया है। अपनी बची हुई सांसों का मूल्य समझो और इसे अपनी आत्मा के कल्याण में लगाओ।

--

 सरिता जैन

सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका

हिसार

🙏🙏🙏


विनम्र निवेदन

यदि आपको यह लेख प्रेरणादायक और प्रसन्नता देने वाला लगा हो तो कृपया comment के द्वारा अपने विचारों से अवगत करवाएं और दूसरे लोग भी प्रेरणा ले सकें इसलिए अधिक-से-अधिक share करें।

धन्यवाद।

Comments

Popular posts from this blog

अगली यात्रा - प्रेरक प्रसंग

Y for Yourself

आज की मंथरा

आज का जीवन -मंत्र

बुजुर्गों की सेवा की जीते जी

स्त्री के अपमान का दंड

आपस की फूट, जगत की लूट

वाणी हमारे व्यक्तित्व का दर्पण है

मीठी वाणी - सुखी जीवन का आधार

वाणी बने न बाण