एक अदृश्य स्टिकर
👼👼💧💧👼💧💧👼👼 एक अदृश्य स्टिकर Image by Bruno from Pixabay मेरे आगे वाली कार कछुए की तरह चल रही थी और मेरे बार-बार हॉर्न देने पर भी रास्ता नहीं दे रही थी। मैं अपना आपा खो कर चिल्लाने ही वाला था कि मैंने कार के पीछे लगा एक छोटा सा स्टिकर देखा, जिस पर लिखा था - “शारीरिक विकलांग; कृपया धैर्य रखें।” और यह पढ़ते ही जैसे सब-कुछ बदल गया। मैं तुरंत ही शांत हो गया और अपनी कार को धीमा कर लिया। यहाँ तक कि मैं उस कार और उसके ड्राईवर का विशेष ख्याल रखते हुए चलने लगा कि कहीं उसे कोई तक़लीफ न हो। मैं ऑफिस कुछ मिनट देर से ज़रूर पहुँचा, मगर मन में एक संतोष था। इस घटना ने दिमाग को हिला दिया। क्या मुझे हर बार शांत करने और धैर्य रखने के लिए किसी स्टिकर की ही ज़रुरत पड़ेगी? हमें लोगों के साथ धैर्यपूर्वक व्यवहार करने के लिए हर बार किसी स्टिकर की ज़रुरत क्यों पड़ती है? क्या हम लोगों से धैर्यपूर्वक अच्छा व्यवहार सिर्फ तब ही करेंगे, जब वे अपने माथे पर कुछ ऐसे स्टिकर्स चिपकाए घूम रहे होंगे कि - “मेरी नौकरी छूट गई है”, “मैं कैंसर से संघर्ष कर रहा हूँ”, “मेरी शादी टूट गई है”, “मैं भावनात्मक रूप से टूट गया हूँ”, ...