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Showing posts from April, 2025

एक चुटकी ज़हर

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👼👼💧💧👼💧💧👼👼 एक चुटकी ज़हर Image by Alexa from Pixabay आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ और वह अपने पति व सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि उसकी सास के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। सास पुराने ख्यालों की थी और बहू नए विचारों वाली। आरती और उसकी सास का आये दिन झगड़ा होने लगा। दिन बीते, महीने बीते, साल भी बीत गया, न तो सास टीका-टिप्पणी करना छोड़ती और न आरती जवाब देना। हालात बद से बदतर होने लगे। आरती को अब अपनी सास से पूरी तरह नफरत हो चुकी थी। आरती के लिए उस समय स्थिति और बुरी हो जाती, जब उसे भारतीय परम्पराओं के अनुसार दूसरों के सामने अपनी सास को सम्मान देना पड़ता। अब वह किसी भी तरह सास से छुटकारा पाने की सोचने लगी। एक दिन जब आरती का अपनी सास से झगडा हुआ और पति भी अपनी माँ का पक्ष लेने लगा तो वह नाराज़ होकर मायके चली आई। आरती के पिता आयुर्वेद के डॉक्टर थे। उसने रो-रो कर अपनी व्यथा पिता को सुनाई और बोली - “आप मुझे कोई जहरीली दवा दे दीजिये जो मैं जाकर उस बुढ़िया को पिला दूँ और मुझे सदा के लिए उससे छुटकारा मिल जाए। नहीं तो मैं अब ससुराल नहीं जाऊँगी।” ...

शतरंज

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👼👼💧💧👼💧💧👼👼 शतरंज Image by 妍 余 from Pixabay एक दिन, एक कंपनी में इंटरव्यू के दौरान बॉस, जिसका नाम रोहित था, ने सामने बैठी महिला पूजा से पूछा, “आप इस नौकरी के लिए कितनी तनख्वाह की उम्मीद करती हैं?” पूजा ने बिना किसी झिझक के आत्मविश्वास से कहा, “कम से कम 90,000 रुपये।” रोहित ने उसकी ओर देखा और आगे पूछा, “आपको किसी खेल में दिलचस्पी है?” पूजा ने जवाब दिया, “जी, मुझे शतरंज खेलना बहुत पसंद है।” रोहित ने मुस्कुराते हुए कहा, “शतरंज बहुत ही दिलचस्प खेल है। चलिए, इस बारे में बात करते हैं। आपको शतरंज का कौन सा मोहरा सबसे ज्यादा पसंद है? या आप किस मोहरे से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं?” पूजा ने मुस्कुराते हुए कहा, “वज़ीर।” रोहित ने उत्सुकता से पूछा, “क्यों? जबकि मुझे लगता है कि घोड़े की चाल सबसे अनोखी होती है।” पूजा ने गंभीरता से जवाब दिया, “वास्तव में घोड़े की चाल दिलचस्प होती है, लेकिन वज़ीर में वे सभी गुण होते हैं जो बाकी मोहरों में अलग-अलग रूप से पाए जाते हैं। वह सभी मोहरों की तरह कभी एक कदम बढ़ाकर राजा को बचाता है, तो कभी तिरछा चलकर हैरान करता है और कभी ढाल बनकर राजा की रक्षा करता है।” रो...

मेरी ताकत

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👼👼💧💧👼💧💧👼👼 मेरी ताकत Image by gayulo from Pixabay जापान के एक छोटे से कस्बे में रहने वाले दस वर्षीय ओकायो को जूडो सीखने का बहुत शौक था, पर बचपन में हुई एक दुर्घटना में बांया हाथ कट जाने के कारण उसके माता-पिता उसे जूडो सीखने की आज्ञा नहीं देते थे। अब वो बड़ा हो रहा था और उसकी जिद भी बढ़ती जा रही थी। अंततः माता-पिता को झुकना ही पड़ा और वो ओकायो को नजदीकी शहर के एक मशहूर मार्शल आर्ट्स गुरु के यहाँ दाखिला दिलाने ले गए। गुरु ने जब ओकायो को देखा तो उन्हें अचरज हुआ कि बिना बायें हाथ का यह लड़का भला जूडो क्यों सीखना चाहता है? उन्होंने पूछा, “तुम्हारा तो बांया हाथ ही नहीं है। तो भला तुम और लड़कों का मुकाबला कैसे करोगे?” “ये बताना तो आपका काम है, ओकायो ने कहा - मैं तो बस इतना जानता हूँ कि मुझे सभी को हराना है और एक दिन खुद “सेंसेई” (मास्टर) बनना है।” गुरु उसकी सीखने की दृढ़ इच्छाशक्ति से काफी प्रभावित हुए और बोले, “ठीक है। मैं तुम्हें सिखाऊंगा, लेकिन एक शर्त है। तुम मेरे हर एक निर्देश का पालन करोगे और उसमें दृढ़ विश्वास रखोगे।” ओकायो ने सहमति में गुरु के समक्ष अपना सिर झुका दिया। गुरु ने ए...

मां....उर्फ सास

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👼👼💧💧👼💧💧👼👼 मां....उर्फ सास Image by Antonio López from Pixabay बर्तन गिरने की आवाज़ से शिखा की आँख खुल गयी। घड़ी देखी तो आठ बज रहे थे। वह हड़बड़ा कर उठी। “उफ़्फ! मम्मी जी ने कहा था कि कल सुबह जल्दी उठना है। “रसोई” की रस्म करनी है, हलवा-पूरी बनाना है और मैं हूँ कि सोती ही रह गयी। अब क्या होगा! पता नहीं, मम्मी जी, डैडी जी क्या सोचेंगे, कहीं मम्मी जी गुस्सा न हो जाएँ। हे भगवान!” उसे रोना आ रहा था। “ससुराल” और “सास” नाम का हौवा उसे बुरी तरह डरा रहा था। कहा था दादी ने - “ससुराल है। ज़रा संभल कर रहना। किसी को कुछ कहने का मौका न देना, नहीं तो सारी उम्र ताने सुनने पड़ेंगे। सुबह-सुबह उठ जाना, नहा-धोकर साड़ी पहनकर तैयार हो जाना, अपने सास-ससुर के पाँव छूकर उनसे आशीर्वाद लेना। कोई भी ऐसा काम न करना जिससे तुम्हें या तुम्हारे माँ-पापा को कोई उल्टा-सीधा बोले।” शिखा के मन में एक के बाद एक दादी की बातें गूंजने लगी थी। किसी तरह वह भागा-दौड़ी करके तैयार हुई। ऊँची-नीची साड़ी बाँध कर वह बाहर निकल ही रही थी कि आईने में अपना चेहरा देखकर वापस भागी - न बिंदी, न सिन्दूर - आदत नहीं थी तो सब लगाना भूल गयी थी। ढू...

हम कौन

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👼👼💧💧👼💧💧👼👼 हम कौन Image by Couleur from Pixabay दूसरों के पाप-पुण्य का निर्णय करने वाले हम कौन होते हैं....? एक संन्यासी की कुटी के सामने ही एक बहन का मकान था। वह बहुत रूपवती थी, पर रास्ता भूली हुई थी। शहर के धनी-मानी घरों के व्यक्ति उसके यहां रात बिताने आते रहते थे। जब कोई व्यक्ति उस बहन के पास आता, संन्यासी उसके नाम का एक पत्थर अपनी कुटी के सामने रख देता। धीरे-धीरे पत्थरों का ढेर जमा हो गया। एक दिन जब वह पथ भूली हुई बहन घर से बाहर निकली, तब अचानक उसने अपने घर के सामने पत्थरों का ढेर देखा। इस सम्बन्ध में उसने संन्यासी से पूछा। संन्यासी ने कहा - “यह तुम्हारे दुष्कर्मों का ढेर है। एक दिन ये ही पत्थर तुम्हारे गले में बंधकर तुम्हें नरक में ले जायेंगे।’ पथ भूली हुई बहन को संन्यासी की बात सुनकर और सामने पत्थरों के बड़े ढेर को देखकर अपने कृत्यों पर बड़ी ग्लानि हुई और पश्चाताप से व्यथित होकर तत्काल वहीं गिरकर मर गयी। थोड़े दिनों के बाद संन्यासी की भी मृत्यु हो गयी। मरने के बाद वह बहन स्वर्ग में गयी और संन्यासी नरक में। संन्यासी ने यमराज से पूछा - ‘मैं नित्य धर्म-भजन में अपना दिन बिताय...

सफल तैराक

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👼👼💧💧👼💧💧👼👼 सफल तैराक Image by Uschi Dugulin from Pixabay फ्रांस में एक तैराक हुए हैं ‘जेवियर’। फ्रांस के लिए उन्होंने ओलंपिक तक खेला। उन्हें फ्रांस के अच्छे तैराकों में गिना जाता रहा है। पर जेवियर दुर्भाग्यशाली थे। उन्हें ओलंपिक में स्वर्ण पदक नहीं मिला। जेवियर की पत्नी भी तैराक है। उन्होंने भी फ्रांस के लिए ओलंपिक में भाग लिया है। पर मैडल उनके भाग्य में भी नहीं। सम्भव है कि वे स्वयं को दुर्भाग्यशाली मानते हों या उनमें गोल्ड जीतने लायक प्रतिभा न हो। एक ओलंपिक में जेवियर उस माइकल फेल्प्स के साथ भी तैरे थे, जो ओलंपिक का बादशाह है। जिसके पास सबसे अधिक पदक हैं। फेल्प्स के आगे तो उन्हें हारना ही था और वे हार गए। जेवियर के मन में वह हार बैठ गयी। वह हार उसे हमेशा दर्द देती रही, तड़पाती रही। पर करते क्या? उन्हें यह बात तो समझ आ गयी थी कि उनमें उतनी प्रतिभा नहीं जो ओलंपिक में अपना राष्ट्रगान बजवा सकें। जेवियर ने अपनी उम्मीदों को अपने बेटे में ढूंढना शुरू किया। उनके लड़के में भी प्रतिभा थी। आखिर उसके माता-पिता ओलंपियन थे।। जेवियर पति-पत्नी अपने बच्चे के पीछे कड़ी मेहनत करने लगे। लड़का भी ...