Balance बना कर जीओ
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दुःख को सुख में बदलने की कला
Balance बना कर जीओ
Image by Larisa Koshkina from Pixabay
आपने पतली-सी तार पर चलकर करतब दिखाने वालों को देखा होगा। कितनी कुशलता से वे अपना Balance बनाते हैं। सामान्य व्यक्ति के लिए यह आश्चर्य का विषय हो सकता है पर उन्हें अपने खेल में महारत हासिल होती है। संत कहते हैं कि जीवन की सफलता के लिए हमारे आचार-विचार और व्यवहार में Balance होना अति आवश्यक है। जबकि हम केवल Bank Balance या व्यापार की Balance Sheet तक ही सीमित होते हैं।
जीवन का आनन्द लेना है तो अव्यवस्थित होकर या अस्त-व्यस्त होकर नहीं, अपितु Balanced होकर लो। यदि जीवन की नींव संतुलित मात्रा में लगाए गए Material से नहीं बनी है तो वह उसी 5 मंज़िला ईमारत की तरह ताश के पत्ते के समान ढह जाएगी जो बारिश में मिट्टी के कटाव के कारण भर-भरा कर ज़मींदोज़ हो गई थी।
जीवन के संतुलित होने की क्या पहचान है?
1. Mental Balance
2. Balancing Nature
3. Balanced Diet
4. Balance Sheet
1. Mental Balance
जो व्यक्ति छोटी-छोटी बातों में Mind का Balance खो देते हैं वे जीवन में कभी सुखी नहीं रह सकते। कहते हैं कि किसी को Mind का Balance रखना सिखाना हो तो उसे साढ़ी की दुकान खुलवा दो। दिन भर आने वाले ग्राहक उसे खुद ही सिखा देंगे कि मन को उत्तेजित होने से कैसे बचाना है? मन न होते हुए भी सब को विनम्रतापूर्वक माताजी, बहन जी, भाभी जी कहना पड़ता है।
जब अपने हित का, कर्त्तव्य का, दायित्व का बोध बना रहता है तो मानसिक संतुलन स्वयं ही बन जाता है। अधिकतर राग-द्वेष के कारण हम मन का संतुलन नहीं रख पाते।
एक व्यक्ति के बेटे के Heart का Operation होना था। डॉक्टर को आने में विलम्ब हो गया और उस व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। डॉक्टर के आते ही उसने उसे जो नहीं कहना चाहिए था, वह सब भी सुना डाला। डॉक्टर चुपचाप O.T. में चला गया। वहाँ Operation का सारा सामान तैयार था। उसने तुरन्त Operation किया और बाहर आकर बोला कि Operation is Successful. ऐसा कह कर तुरन्त वापिस गाड़ी में बैठ कर चला गया।
व्यक्ति को उसका यह व्यवहार कुछ अजीब-सा लगा। तभी साथ काम करने वालों ने बताया कि अभी-अभी डॉक्टर के जवान बेटे की Accident में on the spot Death हो गई है। उसके अन्तिम संस्कार को कुछ देर के लिए रोक कर यह आपके बेटे के Operation के लिए आए थे कि मैंने तो अपना बेटा खो ही दिया है, कम से कम उनके बेटे को तो मैं बचा लूँ। कहीं ऐसा न हो कि मेरे कारण उनके बेटे की जान मुसीबत में पड़ जाए।
दूसरे के हित का विवेक, दायित्व का बोध, धैर्य और सकारात्मक सोच से ही Mind का Balance बना रह सकता है।
2. Balancing Nature
हमारा स्वभाव सबके साथ सामंजस्य बना कर चलने का हो, बिगाड़ने का नहीं। विशेष कर घर व समाज के मुखिया में यह गुण अवश्य होना चाहिए, तभी वह घर और समाज एक होकर रह सकते हैं। वरना उन्हें टूट कर बिखरने में समय नहीं लगता।
एक बाप-बेटे में अनबन हो गई। बेटे ने कहा कि मैं आपके साथ बैठकर खाना नहीं खा सकता। बाप की Balancing Nature थी। वह जानता था कि अनबन अधिक देर तक बनी रही तो घर टूट जाएगा। बाप अपनी थाली उठाकर बेटे के पास जाकर बैठ गया कि कोई बात नहीं बेटे! मैं तो तुम्हारे साथ बैठकर खाना खा सकता हूँ न!
3. Balanced Diet
आज हमारी Life Style ऐसी बन गई है कि न तो खाने का समय ही निश्चित है और न ही भोजन की Quality की ओर ध्यान दिया जा रहा है। बस! जो मिल रहा है, जिस समय मिल रहा है; भागते-दौड़ते खाओ और काम पर चलो। भोजन में पोषक तत्वों, शुद्धता, सात्विकता का होना अत्यधिक अनिवार्य है। संतुलित भोजन से ही हमारे तन और मन का स्वास्थ्य उत्तम बना रह सकता है।
4. Balance Sheet
जब हम Financial Balance Sheet का इतना ध्यान रखते हैं तो अपने अन्दर की Balance Sheet का भी समय-समय पर Audit करते रहना चाहिए। Business की Growth के साथ-साथ विचारों की Growth की ओर भी ध्यान दोगे, तो कोई कारण नहीं कि आप दुःखमय जीवन जीने के लिए विवश हो जाओ।
विषय-भोगों में लगे रहोगे तो समझ लो कि तुम भावी दरिद्रता के बीज बो रहे हो। पाप-पुण्य की Balance Sheet बनाओ। पाप कम होंगे तो Debit कम होगा और पुण्य बढ़ेगा तो Credit बढ़ेगा। Credit अधिक होगा तो पूंजी बढ़ने से जीवन का Growth होगा। केवल Business में ही नहीं, जीवन में भी Growth होना चाहिए।
Inner Balance Sheet ठीक होगी तो ही जीवन को संतुलित रख पाओगे।
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सरिता जैन
सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका
हिसार
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धन्यवाद।
Bilkul sahi hai
ReplyDeleteजी
ReplyDeleteआपकी बात अनुकरणीय है।
Bht hi prernadayi lekh but practical jeevan m utara jye tab hi successful aajkal sab padhte r chod dete hai pr jo padhe wahi follow bhi karne lage tab bhi kuch badlav ho sakta hai life m
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