दस दिन की मोहलत

👼👼💧💧👼💧💧👼👼

दस दिन की मोहलत

Image by Werner Weisser from Pixabay

एक राजा था। उसने 10 जंगली कुत्ते पाल रखे थे, जिनका उपयोग वह लोगों को उनके द्वारा की गई ग़लतियों पर मृत्यु दंड देने के लिए करता था।

एक बार ऐसा हुआ कि राजा के एक पुराने विश्वयसनीय मंत्री से कोई ग़लती हो गयी। अतः क्रोधित होकर राजा ने उसे शिकारी कुत्तों के सम्मुख फिकवाने का आदेश दे डाला।

सज़ा दिए जाने से पूर्व राजा ने मंत्री से उसकी आखिरी इच्छा पूछी।

“राजन्! मैंने आज्ञाकारी सेवक के रूप में आपकी 10 सालों से सेवा की है। मैं सज़ा पाने से पहले आपसे 10 दिनों की मोहलत चाहता हूँ”, मंत्री ने राजा से निवेदन किया।

राजा ने उसकी बात मान ली।

दस दिन बाद राजा के सैनिक मंत्री को पकड़ कर लाते हैं और राजा का निर्देश पाते ही उसे जंगली कुत्तों के सामने फेंक देते हैं। परंतु यह क्या, कुत्ते मंत्री पर टूट पड़ने की बजाय अपनी पूँछ हिला-हिला कर मंत्री के ऊपर कूदने लगते हैं और प्यार से उसके पैर चाटने लगते हैं।

राजा आश्चर्य से यह सब देख रहा था। उसने मन ही मन सोचा कि आखिर इन जंगली कुत्तों को क्या हो गया है? वे इस तरह क्यों व्यवहार कर रहे हैं?

आखिरकार राजा से रहा नहीं गया तो उसने मंत्री से पूछा - “ये क्या हो रहा है? ये कुत्ते तुम्हें काटने की बजाय तुम्हारे साथ खेल क्यों रहे हैं?

“राजन्! मैंने आपसे जो 10 दिनों की मोहलत ली थी, उसका एक-एक क्षण मैंने इन मूक, भोले जानवरों की सेवा करने में लगा दिया। मैं रोज़ इन कुत्तों को नहलाता, खाना खिलाता व हर तरह से उनका ध्यान रखता। ये कुत्ते जंगली होकर भी मेरी दस दिन की सेवा नहीं भुला पा रहे हैं परंतु खेद है कि आप प्रजा के पालक हो कर भी मेरी 10 वर्षों की स्वामीभक्ति को भूल गए और मेरी एक छोटी सी त्रुटि पर इतनी बड़ी सज़ा सुना दी!”

राजा को अपनी भूल का ज्ञान हो चुका था। वास्तव में उस मंत्री में विशिष्ट गुण थे, जो अन्य किसी में नहीं मिल सकते थे। उसने तत्काल मंत्री को मुक्त करने की आज्ञा दी और आगे से ऐसी ग़लती न करने की सौगंध ली।

मित्रों! कई बार इस राजा की तरह हम भी किसी की बरसों की अच्छाई को उसकी एक बुराई के आगे भुला देते हैं। यह कहानी हमें क्षमाशील होना सिखाती है। ये हमें शिक्षा देती है कि हम किसी की हज़ार अच्छाइयों को उसकी एक बुराई के सामने छोटा न होने दें।

--

सरिता जैन

सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका

हिसार

🙏🙏🙏


विनम्र निवेदन

यदि आपको यह लेख प्रेरणादायक और प्रसन्नता देने वाला लगा हो तो कृपया comment के द्वारा अपने विचारों से अवगत करवाएं और दूसरे लोग भी प्रेरणा ले सकें इसलिए अधिक-से-अधिक share करें।

धन्यवाद।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

अगली यात्रा - प्रेरक प्रसंग

Y for Yourself

आज की मंथरा

आज का जीवन -मंत्र

बुजुर्गों की सेवा की जीते जी

स्त्री के अपमान का दंड

आपस की फूट, जगत की लूट

वाणी हमारे व्यक्तित्व का दर्पण है

मीठी वाणी - सुखी जीवन का आधार

वाणी बने न बाण