मेरे पति मेरे देवता (भाग - 78)

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मेरे पति मेरे देवता (भाग - 78)

श्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन की कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाएं

श्रीमती ललिता शास्त्री की ज़ुबानी

प्रस्तुतकर्ता - श्री उमाशंकर (जून, 1967)

प्रधानमंत्री की पत्नी

प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते अपने देशवासियों या दूसरे देश के वासियों को हमारे सम्बन्ध में कुछ जानने-बूझने की उत्सुकता को स्वाभाविक कहना ग़लत न होगा। कुछ-न-कुछ लोग जानना चाहते ही हैं। फलस्वरूप ‘प्रैस’ वाले जब-तब हमारे पास आते रहते, हमसे नाना प्रकार के सवाल पूछते और जैसा, जो कुछ हम उत्तर दे सकती थी, देती रहती।

एक बार एक ‘प्रैस’ के सज्जन ने पूछा - ‘प्रधानमंत्री की पत्नी होने के कारण अब आप अपने में कैसा अनुभव करती हैं?

‘वैसे तो कुछ भी अनुभव नहीं करती, पर जब आप लोग आते हैं, तब मालूम पड़ता है कि ज़रूर हमारे अन्दर कोई ख़ास चीज़ आ गई है, क्योंकि पहले तो आप हमारे पास आते नहीं थे।’ यह उत्तर सुन कर ‘प्रैस’ के दूसरे लोग हंसने लगे।

सादा जीवन -

शास्त्री जी का जीवन जैसा सादा था, वैसा ही उन का पहनावा भी सादा था और वह जीवन के अन्त तक वैसा ही बना रहा था। 10 वर्ष पहले जो गद्दा बना था, उसी गद्दे पर वे अब भी सोते थे। उसे बदल कर नया और बढ़िया गद्दा नहीं बनाया गया था। फटे हुए कुर्त्ते जो इस तरह गर्मी में तो नहीं, पर जाड़ों में कोट के नीचे पहने जा सकते थे, उन के बक्सों में रखे रहते थे। कभी-कभी ऐसा भी होता कि उन का दाढ़ी बनाने वाला साबुन जब घिसकर पैसे के बराबर रह जाता और हमें किसी कारणवश उसे बदलने का ध्यान नहीं रहता, तब उन्हें कहने के लिए मजबूर होना पड़ता - ‘इधर भी कभी ध्यान दे दिया करो, भई!’ और वे अपनी साबुनदानी हमें मुस्कुराते हुए दिखा देते थे।

पर एक चीज़ के सम्बन्ध में शास्त्री जी विशेष सतर्क रहा करते थे और वह चीज़ थी उनकी टोपी। वैसे उनके पास टोपियां कई रहा करती थी, पर उनमें से 2 - 4 ही ऐसी होती थी, जो उन्हें पसन्द थी। उन टोपियों को वे बड़ी हिफ़ाज़त से रखवाया करते थे। जब-जब ऐसा होता कि उन की ये टोपियां इधर-उधर हो जाती, फिर तो वे इतने परेशान होते, जिसका कोई ठिकाना नहीं। जब तक वे मिल नहीं जाती, उन्हें चैन नहीं मिल पाता था। कभी-कभी तो इनके पीछे उन्हें देर भी हो जाया करती थी, क्योंकि जब किसी विशेष उत्सव या कोई ख़ास जगह जाना होता, तो वे इन्हीं टोपियों में से लगाया करते थे।

क्रमशः

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सरिता जैन

सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका

हिसार

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