काम लेने का तरीका
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काम लेने का तरीका
Image by Karl Egger from Pixabay
एक खेत में कुछ मज़दूर काम कर रहे थे। एक घण्टा काम करने के बाद वे बैठकर आपस में गप्पें मारने लगे। यह देखकर खेत के मालिक ने उनसे कुछ नहीं कहा। उसने खुरपी उठायी और खुद काम में जुट गया।
मालिक को काम करता देख मज़दूर शर्म के मारे तुरंत काम में जुट गए।
दोपहर में मालिक मज़दूरों के पास जाकर बोला, “भाइयों! अब काम बंद कर दो। भोजन कर के आराम कर लो। काम बाद में होगा।”
मज़दूर खाना खाने चले गए। थोड़ा आराम करके वे शीघ्र ही फिर काम पर लौट आये।
शाम को छुट्टी के समय पड़ोसी खेत वाले ने उस खेत के मालिक से पूछा, “भाई! तुम मज़दूरों को छुट्टी भी देते हो। उन्हें डांटते भी नहीं हो। फिर भी तुम्हारे खेत का काम मेरे खेत से दोगुना कैसे हो गया? जबकि मैं लगातार अपने मज़दूरों पर नजर रखता हूँ। डांटता भी हूँ और छुट्टी भी नहीं देता।”
तब पहले खेत के मालिक ने बताया, “भैया! मैं काम लेने के लिए सख्ती से अधिक स्नेह और सहानुभूति को प्राथमिकता देता हूँ। इसलिए मज़दूर पूरा मन लगाकर काम करते हैं। इससे काम ज्यादा भी होता है और अच्छा भी।”
यदि हम दूसरों की दुःख-तकलीफों का ध्यान रखेंगे, तो वे भी हमारे सहयोगी बन जाएंगे।
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सरिता जैन
सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका
हिसार
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धन्यवाद।
Very very nice
ReplyDeleteBahut hi khubsurat rachana
ReplyDeleteज्ञानवर्धक कहानी है
ReplyDeleteBahut hi preranadayak kahani hai
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