अरबपति स्टीव जॉब्स

  अरबपति स्टीव जॉब्स 

56 साल की उम्र में मरे अरबपति स्टीव जॉब्स के मृत्यु से पहले आखिरी शब्दः..

मैं व्यापार जगत में सफलता के शिखर पर पहुंच गया हूं। दूसरों की नज़र में मेरा जीवन एक उपलब्धि है। हालाँकि, काम के अलावा मुझे कोई खुशी नहीं थी। धन बस एक सच्चाई है, जिसका मैं आदी हो गया हूँ।

  इस क्षण अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए और अपने पूरे जीवन को याद करते हुए, मुझे एहसास होता है कि जिस पहचान और धन पर मुझे इतना गर्व था, वह मृत्यु के सामने फीकी और महत्वहीन हो गई है।

आप अपनी कार चलाने या पैसे कमाने के लिए किसी को काम पर रख सकते हैं। लेकिन आप किसी को बीमारी सहने और मरने के लिए नहीं रख सकते।

खोई हुई भौतिक वस्तुएं मिल सकती हैं। लेकिन एक चीज़ है, जो खो जाने पर कभी नहीं मिलती - “ज़िंदगी“।

 हम अभी जीवन के जिस भी चरण में हैं, समय के साथ हमारा सामना उस दिन से होगा, जब जीवन का परदा बंद हो जाएगा।

अपने परिवार, जीवनसाथी और दोस्तों से प्यार करें... उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, उनके साथ छल- कपट, बेईमानी न करें।

जैसे- जैसे हम बड़े और समझदार होते हैं, हमें धीरे-धीरे एहसास होता है कि हम 300 रुपए या 3000 रुपए या 2-4 लाख रुपए की घड़ी पहनें - सभी एक ही समय देती हैं।

चाहे हमारे पास 100 रुपए का पर्स हो या 500 का - अंदर की राशि समान है।

चाहे हम 5,00,000 लाख की कार चलाएं या 50,00,000 लाख की कार। मार्ग और दूरी समान है और हम एक ही गंतव्य पर पहुंचते हैं।

हम जिस घर में रहते हैं, वह चाहे 300 वर्ग फुट का हो या 3000 वर्ग फुट का - अकेलापन एक ही है।

आपको एहसास होगा कि आपकी सच्ची आंतरिक ख़ुशी इस दुनिया की भौतिक चीज़ों से नहीं आती है।

चाहे आप प्रथम श्रेणी में उड़ान भरें या इकोनॉमी क्लास में, यदि विमान नीचे गिरता है, तो आप उसके साथ नीचे जाते हैं।

इसलिए.. मुझे आशा है कि आपको एहसास होगा, आपके पास दोस्त, भाई और बहनें हैं, जिनके साथ आप बातचीत करते हैं, हंसते हैं, गाते हैं, स्वर्ग और पृथ्वी के बारे में बात करते हैं, .... यह है सच्चा सुख!!

जीवन का एक निर्विवाद तथ्यः

अपने बच्चों को सिर्फ अमीर बनने के लिए शिक्षा न दें। उन्हें खुश रहना सिखाएं। जब वे बड़े होंगे तो उन्हें चीजों का मूल्य पता चलेगा न कि कीमत।

जिंदगी क्या है?

जीवन को बेहतर ढंग से समझने के लिए तीन स्थान हैंः

- अस्पताल

-  कारागार

 - श्मशान

अस्पताल में आप समझ जाएंगे कि स्वास्थ्य से बेहतर कुछ भी नहीं है।

जेल में आप देखेंगे कि आज़ादी कितनी अनमोल चीज़ है।

श्मशान में आपको एहसास होगा कि जीवन कुछ भी नहीं है।

आज हम जिस ज़मीन पर चल रहे हैं, वह कल हमारी नही होगी।

आइए, अब से विनम्र बनें और प्राप्त हर चीज़ के लिए भगवान को धन्यवाद दें।

क्या आप इस संदेश को किसी और के साथ साझा कर सकते हैं और उन्हें बता सकते हैं कि भगवान उनसे प्यार करते हैं।

इस सच्चाई को अपने समूहों में साझा करें। यही जीवन का असली सत्य है।

--

सरिता जैन

सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका

हिसार

🙏🙏🙏


विनम्र निवेदन

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धन्यवाद।

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