मेहनत और अक्ल
👼👼💧💧👼💧💧👼👼
मेहनत और अक्ल
मेहनत के साथ अक्ल का होना भी जरूरी है।
जिंदगी में हमेशा मेहनत ही काफी नहीं है, मेहनत के साथ-साथ दिमाग का सही उपयोग करना भी बहुत जरूरी होता है। ऐसी ही एक मोटिवेशनल स्टोरी आज हम पढ़ेंगे, जिससे हम बहुत अच्छे तरीके से इस बात से परिचित हो जाएंगे कि मेहनत के साथ-साथ अक्ल का होना बहुत जरूरी होता है।
यह कहानी शहर में रहने वाले दो दोस्तों की है, जो शहर में साथ-साथ रहते थे और साथ-साथ पढ़ने के लिए जाते थे। इनका बचपन एक साथ बीता और बाद में इन्होंने कॉलेज की पढ़ाई भी एक साथ की।
दोनों दोस्तों ने एक साथ जॉब के लिए प्रस्ताव दिया और भाग्य से दोनों को उस जॉब के लिए चुन लिया गया।
उन दोनों दोस्तों का नाम चंदन और कुंदन था। चंदन की जॉब में बढ़ोतरी होती गयी। उसकी एक के बाद एक बढ़ोतरी हो रही थी और कुंदन की जॉब में बढ़ोतरी नहीं हो रही थी।
अब धीरे-धीरे उसे चंदन से जलन होने लगी। वह सिर्फ य़ह सोचता रहता कि ऐसा क्या है कि जो वह कर रहा है।
एक दिन जब बॉस ने उसे कुछ काम दिया तो वह बॉस से लड़ने लगा, झगड़ने लगा। वह बॉस से कहने लगा कि चंदन आपके पास अब बहुत अधिक समय तक रहता है इसलिए आपको वह बहुत पसंद है। मैं यह काम नहीं करना चाहता हूँ क्योंकि मैं और चंदन दोनों ने एक साथ यहाँ जॉब करना शुरू किया था, लेकिन तब से लेकर अब तक मैंने और चंदन दोनों ने बहुत लगन के साथ य़ह काम किया, लेकिन आपने सिर्फ चंदन को ही जॉब में प्रमोशन दिया है, इसलिए अब मैं य़ह जॉब नहीं करना चाहता हूँ।
बॉस कुंदन की य़ह सारी बातें बड़ी ही शांति से सुन रहे थे। कुंदन की बात खत्म होने के बाद उन्होंने उससे कहा कि कुंदन मैं जानता हूँ कि तुमने बहुत मेहनत की है, लेकिन तुमने उतनी मेहनत नहीं की, जितनी तुम्हें करनी चाहिए।
कुंदन अपनी जिद पर अड़ गया। अब वह सिर्फ य़ह कह रहा था कि उसे य़ह जॉब नहीं करनी।
य़ह देखकर बॉस ने उससे कहा कि अच्छा चलो! मैं तुम्हारा प्रमोशन कर दूँगा और तुम्हें चंदन से भी ज़्यादा सैलरी दूँगा, लेकिन तुम्हें इससे पहले मेरी एक शर्त पूरी करनी होगी।
कुंदन बॉस की शर्त को मान लेता है और बॉस से शर्त पूछता है।
बॉस उससे कहता है कि तुम बाहर जाओ और बाजार में देखकर आओ कि वहाँ कितने केले वाले हैं।
कुंदन बाजार जाता है और बॉस के पास वापस आकर वह बॉस से कहता है कि बाजार में केवल एक ही केले वाला था। इसके बाद बॉस ने उसे य़ह कहा कि जाओ अब तुम य़ह पता कर के आओ कि केले का क्या भाव है?
वह बॉस से कहता है कि ठीक है मैं अभी पूछ कर आता हूँ।
वह बाजार जाता है और केले के भाव पूछ कर आ जाता है। वह बॉस के पास आकर उनसे कहता है कि बाजार में केले साठ रुपये दर्जन हैं।
इसके बाद बॉस कुंदन को कहता है कि ठीक! अब मैं य़ह काम चंदन को देता हूँ। वह चंदन को बुलाता है और उसे भी यही पूछने के लिए बाज़ार भेजता है।
चंदन बाज़ार जाता है और केले बेचने वालों की संख्या और केले का दाम पता करके वापस आ जाता है। वह बॉस को बताता है कि बॉस बाजार में केवल एक ही केले वाला था और वह साठ रुपये दर्जन केले बेच रहा है, लेकिन अगर हम उससे सारे केले खरीदते हैं तो वह हमें पचास रुपये दर्जन देगा। उसके पास तीस दर्जन केले हैं। अगर हम उससे सारे केले खरीदते हैं और उन्हें बाजार में साठ रुपये दर्जन बेच देते हैं तो हमें बहुत मुनाफा होगा।
उसकी य़ह सारी बातें कुंदन एक कोने में खड़े होकर सुन रहा था। वह चंदन की सारी बातें सुनकर बहुत आश्चर्यचकित हो जाता है। कुंदन को अपनी गलती के बारे में पता चल जाता है।
अब वह जान गया था कि केवल कठिन परिश्रम और मेहनत से ही कुछ नहीं होता है। हमें थोड़ा अक्ल का भी प्रयोग करना चाहिए। इसके बाद कुंदन ने उस ऑफिस में काम करना जारी रखा और उसने बॉस से अपनी गलती के लिए माफ़ी मांग ली।
--
सरिता जैन
सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका
हिसार
🙏🙏🙏
विनम्र निवेदन
यदि आपको यह लेख प्रेरणादायक और प्रसन्नता देने वाला लगा हो तो कृपया comment के द्वारा अपने विचारों से अवगत करवाएं और दूसरे लोग भी प्रेरणा ले सकें इसलिए अधिक-से-अधिक share करें।
धन्यवाद।
Bahut acha
ReplyDelete