अपनी मदद खुद करें

 अपनी मदद खुद करें 

किसी गाँव में एक पुजारी रहता था। वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था। एक बार उसके गाँव में बाढ़ आई। गाँव के सभी लोग ज़रूरत का सामान लेकर ऊंचे स्थान की ओर जाने लगे। जाते जाते लोगों ने पुजारी को भी चलने को कहा, पर पुजारी ने कहा कि तुम लोग जाओ मुझे विश्वास है कि भगवान मेरी रक्षा करने जरूर आएगा।

पुजारी भगवान का इंतज़ार करने लगा। तभी एक जीप पुजारी के सामने आकर रुका। जीप में बैठे लोगों ने पुजारी को चलने को कहा, पर पुजारी ने फिर वही जवाब दिया - तुम लोग जाओ। मुझे तो भगवान बचाने आएगा।

पानी बढ़ता ही जा रहा था। कुछ समय बाद एक नाव वाला पुजारी के पास आया और चलने को कहा, पर पुजारी ने उससे भी वही बात कही।

पानी अब कंधे तक आ गया था, पर पुजारी को अब भी विश्वास था कि भगवान उसे बचाने जरूर आएगा। पानी और बढ़ने पर वह घर की छत पर चढ़ गया और भगवान का इंतज़ार करने लगा। थोड़ी देर में एक बचाव हेलिकॉप्टर आता है और ऊपर से रस्सी फेंकते हुए पुजारी को पकड़ लेने को कहता है, पर अब भी पुजारी वही बात दोहराता है कि तुम लोग जाओ। मुझे तो भगवान बचाने आएगा। पानी बढ़ता गया।

आखिरकार पानी इतना बढ़ गया कि पुजारी उसमे डूब गया और मर गया। मरने के बाद जब वह भगवान के पास पहुंचा, तो भगवान पर चिल्लाते हुए उसने कहा कि मैं आपका इतना बड़ा भक्त था। मुझे पूरा विश्वास था कि आप बचाने आएंगे। मैं इंतज़ार करता रहा, पर आप नहीं आए। क्यों? 

भगवान ने कहा - मैंने तो तीन बार तुम्हें बचाने की कोशिश की, पर तुम खुद ही बचना नहीं चाहते थे।

पहली बार मैंने तुम्हारे लिए जीप भेजी। तुम नहीं आए। दूसरी बार मैंने तुम्हारे लिए नाव भेजी, पर तुम नहीं आए। तीसरी बार मैंने तुम्हारे लिए हेलिकॉप्टर भेजा, पर फिर भी तुम नहीं आए। तो याद रखो कि मैंने तुम्हारे विश्वास को नहीं तोड़ा बल्कि तुमने खुद ऐसा किया है। मैं हर मुसीबत में किसी न किसी रूप में सबको बचाने आता हूँ। लोगों को अपने विश्वास पर ही भरोसा नहीं, तो मैं क्या करूँ?

इसलिए अवसर को पहचानो और यह विश्वास रखो कि इस मददगार को भगवान ने ही हमारी मदद के लिए भेजा है।

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सरिता जैन

सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापिका

हिसार

🙏🙏🙏


विनम्र निवेदन

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धन्यवाद। 

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